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साधर्मिकभक्ति का अर्थ यह है कि सभी सुकृत में अपने तन-मन-धन के व्यय पर भी साधर्मिक को लाभ देना चाहिए|
BAHUT BADHIYA
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साधर्मिकभक्ति का अर्थ यह है कि सभी सुकृत में अपने तन-मन-धन के व्यय पर भी साधर्मिक को लाभ देना चाहिए|
BAHUT BADHIYA