Forget mistakes, forget failure, forget everything except what you’re going to do now and do it
Standard Screen | Widescreen | Mobile |
800×600 | 1280×720 | iPhone |
1024×768 | 1280×800 | iPad-Vertical |
1400×1050 | 1440×900 | |
1600×1200 | 1920×1080 | |
1920×1200 | ||
2560×1440 | ||
2560×1600 |
This Wallpaper is taken from
प्रेरक : समाजके लोगों आपको कैसे याद करेंगे ?
सो साल पहेले की यह बात है.
सुबह में ‘पेपर’ में एक व्यक्ति मरण नोंध पढ़ रहा था.
उसका खुदका नाम पढ़कर वह आश्चर्यचकित तथा भयभीत हो गया.
अख़बार में भूल से दुसरे की मृत्यु को उसकी मृत्यु बताकर रिपोर्टिंग की गई थी.
उसका पहेला प्रतिभाव ‘shock’ का था. मैं जिन्दा हूँ या मर गया हूँ ?
थोड़े समय के पश्चात् उसने हिम्मत और धैर्यसे आगे पढ़ना शुरू किया.
उसके मनमें कुतूहलता थी कि लोगों ने क्या कहा है.
“डायनेमाईट किंग मर गया.” तथा “वह मृत्यु का सोदागर था.”
इसी मनुष्यने ‘डायनेमाईट’ की शोध की थी.
“मृत्युका सोदागर” यह पढ़कर उसने खुद को पूछा कि “क्या वह इसी रीतिसे याद
किया जायेगा ?” मनोमन उसने तय किया कि ‘यह कोई अच्छी याद करने जैसी
जिंदगी नहीं.’
उसी दिनसे उसने शांति के लिए काम करना शुरू कर दिया.
उस व्यक्ति का नाम था आल्फ्रेड नोबेल और
आज वह महान नोबेल प्राइज से जुड़कर याद किया जाता है
एक विचार तथा एक निश्चय ने उसका जीवनमूल्य बदल दिया.
हम भी अपने पीछे कौनसी स्मृति छोड़कर जानेवाले है ?
हम भी अपने पीछे कौनसी सम्पदा छोड़कर जानेवाले है ?
हमारे पीछे कितने लोगों की आँखे प्रेमसे भीनी होगी ?
प्रेमसे और आदरसे कितने लोग याद करते हुए कहेगा कि “एक भला आदमी चला गया !”